कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने स्पष्ट बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की है।2024 लोकसभा चुनाव के पहले कर्नाटक विधानसभा चुनाव में पार्टी का ये प्रदर्शन निश्चित रूप से कार्यकर्ताओं में जोश भरेगा। दक्षिण भारत में बीजेपी के सामने कर्नाटक की सत्ता को बचाए रखने की चुनौती थी, तो कांग्रेस के लिए वापसी का चैलेंज भी था। बसवराज बोम्मई के सहारे बीजेपी ने अपनी सत्ता को बरकरार रखने की पूरी कोशिश की, जबकि कांग्रेस डीके शिवकुमार-सिद्धरमैया की जोड़ी को आगे कर सत्ता में वापसी की कोशिश में लगी थी।

कर्नाटक उन राज्यों में शुमार है, जहां हर पांच साल पर सरकार बदल जाती है। कर्नाटक में ये सिलसिला 1985 से चल रहा है, यहां की जनता पांच साल एक पार्टी को तो अगले चुनाव में दूसरी पार्टी को मौका देती है। इस बार भी कर्नाटक की जनता बीजेपी के साथ यही सिलसिला दोहराते हुए पार्टी को दूसरा मौका देने के मूड में नहीं दिखी।कांग्रेस के लिए कर्नाटक को जीतना एक तरह से अस्तित्व बनाए रखने के लिहाज से बेहद जरूरी था। कर्नाटक में कांग्रेस अकेले अपने दम पर स्पष्ट बहुमत हासिल कर सरकार बनाने में कामयाब हो गई है तो ये उसके लिए किसी भी तरह संजीवनी से कम नहीं है।

पिछला एक दशक चुनावी राजनीति के लिहाज से कांग्रेस के लिए बहुत ही बुरा रहा है। इस दौरान कांग्रेस को चुनाव दर चुनाव हार का सामना करना पड़ रहा था। 2014 और 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन बहुत ही खराब रहा था। इसके साथ ही यदि इस दौरान हिमाचल, छत्तीसगढ़ और राजस्थान को छोड़ दें, तो पार्टी को कई राज्यों में हार का सामना करना पड़ा है।