लिरुवनंतपुरम । केरल में कांग्रेस ने मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की बेटी टी. वीना के कुछ वित्तीय लेनदेन संबंधी विवाद में उनके पति एवं लोक निर्माण मंत्री पी.ए. मोहम्मद रियास को घसीटकर पूछा कि यदि लेनदेन पारदर्शी और वैध था, तब उन्होंने अपने चुनावी हलफनामे में इसका विवरण क्यों नहीं दिया। विपक्षी दल ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) से यह स्पष्ट करने का भी आग्रह किया कि क्या वीना ने कोच्चि स्थित खनिज कंपनी से पैसा स्वीकार नहीं किया था या रियास की ओर से दायर चुनावी हलफनामा गलत था। इस मुद्दे पर नरम रुख रखने और तकनीकी कारणों का हवाला देकर विवादास्पद मामले को विधानसभा में नहीं उठाने का विकल्प चुनने के एक दिन बाद कांग्रेस कई सवालों के साथ सामने आई। सत्तारूढ़ दल पर निशाना साधकर कांग्रेस विधायक मैथ्यू कुझलनदान ने प्रेस वार्ता में वीना के पति मंत्री रियास द्वारा प्रस्तुत हलफनामे की एक प्रति सहित कुछ दस्तावेज पेश किए।
कांग्रेस विधायक ने माकपा राज्य सचिवालय की ओर से जारी बयान का हवाला दिया, जिसमें दावा किया गया कि वीना की आईटी फर्म और खनिज कंपनी के बीच लेनदेन पारदर्शी थे। उन्होंने कहा, तब मेरा सवाल टी वीना से नहीं है। मैं उन्हें इसमें नहीं घसीटना चाहता, क्योंकि माकपा सचिवालय ने मामले को अपने हाथ में लेकर अपना पूरा समर्थन दे दिया है, इसलिए मेरा सवाल उनसे है। यदि दोनों के बीच वित्तीय लेनदेन पारदर्शी था, तब उस राशि का खुलासा हलफनामे (रियास के) में क्यों नहीं किया गया? कृपया समझाएं। विधायक कुझलनदान ने कहा कि न माकपा और न ही मुख्यमंत्री को सोचना चाहिए कि यदि उन्हें सदन में बोलने के लिए माइक्रोफोन नहीं दिया गया या उन्हें डराने की कोशिश की गई तब वह चुप रहने वाले हैं। उन्होंने माकपा के वरिष्ठ नेता एवं इसकी केंद्रीय समिति के सदस्य ए.के. बालन पर भी निशाना साधा, जिन्होंने कहा था कि विपक्ष ने विधानसभा में मुद्दे को नहीं उठाया, क्योंकि वे मुख्यमंत्री के जवाब से डरे हुए थे।
उन्होंने कहा, अतीत में, मार्क्सवादी पार्टी केवल लोगों से डरती थी, लेकिन अब पूरी पार्टी एक व्यक्ति से डरती है और वह कोई और नहीं, बल्कि पिनराई विजयन हैं। विधायक ने कहा कि बालन मुख्यमंत्री से डरे हुए हैं और विपक्ष के खिलाफ उनका बयान उनकी भयभीत मानसिकता को दर्शाता है। कांग्रेस के अलावा, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी माकपा से यह बताने का आग्रह किया कि रियास द्वारा प्रस्तुत हलफनामे में विवादास्पद राशि की जानकारी क्यों नहीं दी गई। इन नये आरोपों पर न तब मंत्री और न ही माकपा ने कोई प्रतिक्रिया दी है।