नई दिल्ली । केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज गुजरात के कच्छ में BSF के मूरिंग प्लेस का भूमि पूजन और विभिन्न परियोजनाओं का ई-लोकार्पण किया। इस अवसर पर केन्द्रीय गृह सचिव और महानिदेशक, बीएसएफ सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। केन्द्रीय गृह मंत्री ने हरामी नाला का भ्रमण कर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की, बॉर्डर आउटपोस्ट 1170 का दौरा किया और BSF कर्मियों के साथ संवाद भी किया।
अमित शाह ने कहा कि आज यहां तीन इन्फ्रास्ट्रक्चर के कामों का भूमिपूजन और उद्घाटन हुआ है। उन्होंने कहा कि आज यहां मूरिंग प्लेस, कोटेश्वर का भूमिपूजन और शिलान्यास हुआ है, जिसके तहत लगभग 250 करोड़ रूपए की लागत से प्रशासनिक कॉम्प्लेक्स, ऑफिसर्स मेस, कैंटीन, परेड ग्राउंड, ट्रेनिंग सेंटर, जल यानों की मरम्मत और आपूर्ति के लिए वर्कशॉप सहित एक अत्याधुनिक यूनिट बनाई गई है। उन्होंने कहा कि इस सुविधा के बनने के बाद पश्चिमी क्षेत्र के हरामी नाला से लेकर पूरे गुजरात की जल सीमा पर बीएसएफ की वॉटरविंग के सभी जलयानों के सुचारू रखरखाव की व्यवस्था हो जाएगी। इसके साथ ही, 101 करोड़ रूपए की लागत से 28 किलोमीटर लंबी चिडियामोड – बीआर बेट लिंक रोड़ का उद्घाटन किया गया, जो बॉर्डर पर तैनात BSF को ऑपरेशन एवं लॉजिस्टिक सपोर्ट में बहुत मददगार साबित होगी। उन्होंने कहा कि एक आउटपोस्ट टावर 1164 का भी आज ई-उद्घाटन हुआ है और लगभग साढ़े 9 मीटर ऊंचे इस टावर में अत्याधुनिक कैमरे लगे हैं जो सीमापार होने वाली छोटी से छोटी मूवमेंट को भी कैप्चर कर हमारे सीमा प्रहरियों को सतर्क कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि ओपी टावर के बनने से विषम परिस्थितियों में भी दुश्मन की गतिविधियों पर नज़र बनाए रखने में बीएसएफ को बहुत सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि इन तीनों कामों का अपना महत्व है लेकिन इनमें से सबसे कम 3 करोड़ रूपए की लागत आउटपोस्ट टावर पर आई है। उन्होंने कहा कि ऐसे 7 आउटपोस्ट टावर बनाना हमारी इस सीमा की सुरक्षा के लिए सबसे महत्वपूर्ण है, और, इसीलिए आज ये तीनों काम हमारी जल सीमा की सुरक्षा कर रहे बीएसएफ के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने वन बॉर्डर, वन फोर्स का निर्णय लिया था। उन्होंने कहा कि इस निर्णय के कारण हमारी बॉर्डर गार्डिंग फोर्सेज़ को भौगोलिक परिस्थितियों, सीमावर्ती देश के साथ हमारे राजनीतिक संबंधों और खतरों का मूल्यांकन करना बहुत आसान हो गया। उन्होंने कहा कि उस वक्त बीएसएफ को पाकिस्तान और बांग्लादेश से लगी हुई सीमा की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी दी गई। इस निर्णय को लेने के पीछे बहुत गहरी सोच रही होगी क्योंकि बीएसएफ की सजगता पाकिस्तान औऱ बांग्लादेश से लगती हुई सीमाओं के अनुरूप और इनकी सुरक्षा करने में सक्षम है। श्री शाह ने कहा कि सभी सीएपीएफ में अकेली बीएसएफ ऐसा बल है जिसके पास भूमि और जल सीमाओं की सुरक्षा करने की विशेषज्ञता है और इसका अपना एयर विंग भी है। उन्होंने कहा कि भारतीय थल सेना की तरह जल, थल और आकाश की सुरक्षा करने का सामर्थ्य, कुव्वत और हौंसला बीएसएफ में है।