भोपाल । लगातार आ रही भाजपा की सूचियों में नया प्रयोग और चौंकाने वाले नामों के बाद अब संकेेत दिए जा रहे हैं कि चौथी सूची भी चौंकाने वाली आने वाली है। आज दिल्ली में केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक संभावित है, जिसके बाद शेष 151 नामों की सूची दो भागों में जारी की जा सकती है। इसमें इंदौर विधानसभा के 4 टिकट बदलने की संभावना साफ नजर आ रही है।
कल दिनभर सूची आने को लेकर भाजपा नेताओं में उत्सुकता बनी रही, लेकिन दिल्ली में भाजपा महासचिवों की चुनाव तैयारियों संबंधी बैठक के चलते केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक आज रखी गई है। भाजपा अभी तक दो सूची कुल 78 नामों के साथ व तीसरी सूची में 1 नाम घोषित कर चुकी है और अब चौथी सूची की बारी है। सूत्रों का कहना है कि इस सूची में कई वरिष्ठ विधायकों और मंत्रियों के टिकट काटे जा सकते हैं। यशोधरा राजे सिंधिया द्वारा चुनाव नहीं लडऩे को लेकर भी कल भोपाल में खूब चर्चा चली कि उनके स्थान पर शिवपुरी सीट से ज्योतिरादित्य सिंधिया को पार्टी चुनाव मैदान में उतार सकती है, वहीं मालवा-निमाड़ में भी कुछ सीटों पर फेरबदल की संभावना है, जिसमें इंदौर 3 से आकाश विजयवर्गीय के स्थान पर कोई नया चेहरा लाने की संभावना है। इसका कारण 1 नंबर से कैलाश विजयवर्गीय को टिकट देना बताया जा रहा है, वहीं 4 नंबर विधानसभा से मालिनी गौड़ के नाम को लेकर भी ऊहापोह चल रही है। कल राज्यसभा के पूर्व सांसद मेघराज द्वारा अपने फेसबुक पेज पर गौड़ परिवार पर कई आरोप लगाए और टिकट न देने के लिए भी लिखा। यहां से लगातार गौड़ परिवार का विरोध हो रहा है, इसलिए हो सकता है कि मालिनी गौड़ का टिकट बदल दिया जाए, वहीं पांच नंबर में महेन्द्र हार्डिया का नाम भी सामने आया है, जिनका टिकट काटा जा सकता है तो महू से उषा ठाकुर का टिकट कटना तय माना जा रहा है। हार्डिया और गौड़ का विरोध उनके ही लोग कर रहे हैं। इसे पार्टी ने गंभीरता से लिया है। आज होने वाली बैठक में इन चारों सीटों के नाम तय होंगे या नहीं, इसमें भी अभी संशय है। सूत्र बता रहे हैं कि इंदौर की बची हुई 6 सीटों में 2 या 3 के नाम इस सूची में घोषित हो जाए।
सूत्रों का कहना है कि इस बार की सूची में कुछ मंत्रियों के टिकटों पर भी गाज गिर सकती है, जिनका प्रदर्शन ठीक नहीं रहा है, वहीं कई विधायकों के नाम भी इसमें शामिल हैं। सिंधिया समर्थक मंत्रियों के टिकट भी काटे जा सकते हैं। कहा जा रहा है कि नकारात्मक खबरें न फैले, इसके लिए मंत्रियों और विधायकों से सहमति ली जा रही है, जिनके टिकट काटे जाएंगे।