भाजपा सांसद-विधायकों को मिला करोड़ों का टारगेट
भोपाल । संगठन चलाने के लिए भाजपा हर साल आजीवन सहयोग निधि जमा करती है, जिसका नाम बदलकर अब समर्पण निधि संग्रह कर दिया गया है। इसके साथ निधि इक_ा करने के तरीके में भी परिवर्तन कर दिया गया है। इस बार सांसद, वर्तमान व पूर्व विधायकों को भी बड़ा लक्ष्य दिया गया है, जबकि हर बार संगठन के जवाबदारों को ही ये जिम्मेदारी दी जाती थी।
दीनदयाल उपाध्याय के बलिदान दिवस को भाजपा समर्पण दिवस के रूप में मनाती है। उस दिन आजीवन सहयोग निधि इक_ा करने का अभियान शुरू किया जाता है। जमा होने वाली इस धन राशि को राष्ट्र, प्रदेश, जिला और मंडल चार हिस्सों में बांटकर संगठन की गतिविधियों का संचालन किया जाता है। 11 फरवरी से अभियान की शुरुआत होने जा रही है लेकिन नाम बदल कर इसे समर्पण निधि संग्रह अभियान कर दिया गया। कार्यकर्ताओं के संगठन के प्रति समर्पण के भाव से उसे जोडऩे का प्रयास किया गया है।
कार्यकर्ताओं के भाव का होगा सम्मान
भाजपा में अब तक सबसे कम की रसीद हजार रुपए की होती थी। इस बार पार्टी ने तय किया है कि गरीब कार्यकर्ताओं के भाव का भी स्मान किया जाएगा। कार्यकर्ता से उसके सामथ्र्य के हिसाब से समर्पण लिया जाएगा, भले ही वह सौ रुपए हो। अभियान नगर से मंडल, मंडल से वार्ड और वार्ड से बूथ स्तर तक चलाया जाएगा। हर कार्यकर्ता की सहभागिता रहे, ये कोशिश की जाएगी। कम समर्पण करने वाले का भी उतना ही सम्मान होगा, जो ज्यादा धनराशि देने वाले का होगा।
एक-एक माह की तनख्वाह
प्रदेश भाजपा संगठन ने तय किया है कि सांसद, विधायक व अन्य जनप्रतिनिधि अपनी एक-एक माह की तनख्वाह समर्पण के रूप में जमा कराएंगे। पिछले साल भी सभी जनप्रतिनिधियों ने अपनी-अपनी तनख्वाह व मानदेय जमा कराया था। रणनीति के तहत स्पष्ट कर दिया गया कि इतना बड़ा अभियान टॉप नेताओं के इर्द-गिर्द रहेगा। सांसदों को दो करोड़ तो विधायकों को एक-एक करोड़ रुपए का लक्ष्य दिया है। इसके अलावा चुनाव हारे नेता व पूर्व विधायकों को 50-50 लाख रुपए का टारगेट दिया है। सरकार व संगठन के महत्वपूर्ण पदों पर बैठे नेताओं को भी बड़े लक्ष्य दिए जा रहे हैं।