भोपाल । मप्र में इस बार भाजपा और कांग्रेस के बीच मुकाबला कड़ा है। प्रदेश की सत्ता में बरकरार रहने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही कमान संभाल ली है। प्रधानमंत्री प्रदेश में चुनावी मोर्चे पर तैनात हो गए हैं। वे प्रदेश में ताबड़तोड़ 14 रैलियां करेंगे। यह पिछले बार की तुलना में करीब 50 प्रतिशत अधिक है। वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खडग़े, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की प्रदेशभर में मांग हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को सिवनी के लखनादौन और खंडवा में रैली की। वहीं चुनाव प्रचार के इस दौर में कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता राहुल गांधी उत्तराखंड पहुंच गए हैं। जहां वह तीन दिन रहेंगे। यह उनकी नितांत निजी और आध्यात्मिक यात्रा मानी जा रही है। राहुल की इस यात्रा पर भाजपा नेताओं ने कटाक्ष किया है की प्रदेश में संभावित हार को देखते हुए राहुल गांधी चुनावी मैदान से बाहर हो गए हैं।
मप्र में मतदान के लिए अब मात्र 12 दिन बचे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी है। मोदी ने शनिवार को रतलाम से प्रचार अभियान शुरू किया है। इसे मिलाकर 11 दिन में उनकी 14 सभाएं होनी हैं। उधर, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी मध्य प्रदेश के चुनाव प्रचार से दूरी बनाए हुए हैं। राहुल तीन दिन के अवकाश पर चले गए हैं। राहुल पिछले सवा महीने के दौरान 30 सितंबर को काला पीपल और 10 अक्टूबर को ब्यौहारी में आए थे। इसके बाद से मप्र की ओर उन्होंने रुख नहीं किया। अब वह अवकाश मनाकर सात नवंबर को लौटेंगे, तब तक प्रधानमंत्री रतलाम, लखनादौन, खंडवा, सीधी और सतना में भी चुनावी सभाएं कर लेंगे। पिछले महीने भी पीएम ग्वालियर आए थे और जबलपुर, छतरपुर में चुनाव पूर्व रैली की थी। भाजपा और कांग्रेस के दो बड़े नेताओं के बीच यही अंतर है कि एक तरफ नरेन्द्र मोदी हैं, जो चुनावी मैदान में कार्यकर्ताओं के साथ मोर्चा संभाल रहे हैं तो दूसरे राहुल गांधी हैं, जो चुनाव मैदान छोड़ अवकाश मनाने जा रहे हैं।

 50 प्रतिशत अधिक रैलियां करेंगे पीएम
पिछले विधानसभा चुनाव यानी 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16, 18, 20, 24, 25 नवंबर तक 10 रैलियां की थीं। इस बार प्रधानमंत्री 4, 5, 7, 8, 9, 13, 14 और 15 नवंबर को कुल 14 रैलियां करेंगे। हालांकि, रतलाम की रैली को छोडक़र अभी पीएम की रैली का आधिकारिक शेड्यूल जारी नहीं किया गया है। इस प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश की जंग जितने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है।  इस बार के मध्य प्रदेश विधानसभा का चुनाव को लेकर भाजपा के दिग्गज नेता कह चुके हैं कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर लड़ा जा रहा है। खुद प्रधानमंत्री भी अपनी रैलियों में कमल के चिन्ह और मोदी को वोट देने की बात कह चुके हैं। यही वजह है कि चुनाव में प्रदेश के दिग्गज नेताओं या प्रत्याशी की जगह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम को आगे रखा जा रहा है। वहीं, एमपी के मन में बसे मोदी और मोदी के मन में एमपी गीत के साथ ही मोदी और कमल के चिन्ह पर वोट देने की अपील की जा रही है।  

मालवा, विंध्य और आदिवासी जिलों पर फोकस
प्रधानमंत्री मोदी की रैली में मालवा, विंध्य और आदिवासी जिलों को फोकस किया गया है। इससे पहले भाजपा ने विंध्य क्षेत्र को साधने के लिए कई कार्यक्रम किए। प्रधानमंत्री की छह रैली और एक रोड शो मालवा में होगा। इंदौर में प्रधानमंत्री रोड शो करेंगे। इस बार के चुनाव में भाजपा ने आदिवासी वोटरों पर ज्यादा फोकस किया है। दरअसल पिछली बार आदिवासी वोट छिंटकने से भाजपा के हाथ से सत्ता चली गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चार नवंबर को रतलाम में रैली को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री की प्रस्तावित रैली में वह आज सिवनी के लखनादौन और खंडवा, सात नवंबर को सतना और सीधी, आठ नवंबर को गुना, मुरैना और पथरिया, नौ नवंबर को नीमच और बड़वानी, 13 नवंबर को छतरपुर,14 नवंबर को इंदौर और झाबुआ, 15 नवंबर को बैतूल में रैली करेंगे।

भाजपा ने दिग्गजों को उतारा मैदान में
मध्य प्रदेश में सत्ता विरोधी लहर को कम करने के लिए भाजपा ने दिग्गज नेताओं को मैदान में उतारा है। भाजपा ने केंद्रीय मंत्री समेत सांसदों को विधायक का चुनाव लड़ा रही है। इसमें केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद पटेल, फग्गन सिंह कुलस्ते, सांसद राकेश सिंह, गणेश सिंह,रीति पाठक और भाजपा के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय जैसे नेता शामिल है।  मप्र में नौ अक्टूबर को चुनाव आचार संहिता लगने के बाद राहुल गांधी का प्रदेश में एकमात्र दौरा 10 अक्टूबर को ब्योहारी (शहडोल) में हुआ था। कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व मप्र में कम ध्यान दे रहा है। एक तरफ भाजपा से केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह, भूपेंद्र यादव, अश्विनी वैष्णव, पीयूष गोयल, अनुराग ठाकुर, असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और गोवा के सीएम प्रमोद सावंत चुनाव प्रचार की कमान संभाले हुए हैं तो दूसरी तरफ कांग्रेस प्रचार में पिछड़ रही है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शनिवार को दो सभाएं कीं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की इस माह प्रदेश में पहली सभा छह नवंबर को इंदौर में होगी। वह आठ और नौ नवंबर को भी अलग-अलग स्थानों पर जनसभा को संबोधित करेंगी। कांग्रेस के अन्य राष्ट्रीय पदाधिकारियों की सक्रियता प्रदेश के चुनाव प्रचार में कम दिखाई दे रही है। भाजपा को वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से ज्यादा मत मिलने के बाद भी छह सीटें कम मिली थीं। इस कारण पार्टी इस चुनाव में कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती।

राहुल 13 नवंबर को भोपाल में करेंगे पदयात्रा
कांग्रेस ने महाजनसंपर्क अभियान शुरू हो गया है। इसमें 15 नवंबर तक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की लगातार रैलियां होगी। 6 नवंबर को महासचिव प्रियंका गांधी की कुक्षी और इंदौर-5 में रैली, 7 नवंबर को राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की उज्जैन और ग्वालियर पूर्व में रैली, 8 नवंबर को महासचिव प्रियंका गांधी की सांवेर और खातेगांव में रैली, 9 नवंबर को प्रियंका गांधी का रीवा, 9 नवंबर को राहुल गांधी की नई सराय, अशोक नगर चंदेरी, जबलपुर ईस्ट, जबलपुर वेस्ट में पदयात्रा, 10 नवंबर को पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की सतना में कार्यक्रम, 13 नवंबर को पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की टिमरनी, उदपुरा और भोपाल के इकबाल मैदान में पदयात्रा। 14 नवंबर को राहुल गांधी की विदिशा, राजनगर, खजुराहो में कार्यक्रम। 15 नवंबर को प्रियंका गांधी की दतिया में और 15 नवंबर को मल्लिकार्जुन खरगे का बैतूल के आमला में कार्यक्रम होगा।