मौसम की मार से अन्नदाता बेहाल
भोपाल । प्रदेश में विगत दिनों में हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से तकरीब 1 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसलें खराब हुई हैं। सरकार खराब हुई फसलों का सर्वे करा रही है। वहीं दूसरी तरफ प्रदेश में एक सप्ताह से कड़ाके की सर्दी जारी है। घने कोहरे और शीतलहर से अन्नदाता के चेहरे पर चिंता की लकीरें खिंची हुईं हैं। इसकी वजह यह है कि उन्हें पाला गिरने का डर सता रहा है। अगर पाला गिरता है तो नगदी और दलहनी फसलों को सबसे अधिक नुकसान होगा। हालांकि अभी तक पाला से नुकसान जैसे हालात नहीं बने हैं। आंशिक रूप से बागवानी वाली फसलों जैसे आलू और धनिया को नुकसान हुआ है।
गौरतलब है कि जनवरी से दूसरे सप्ताह में कई जिलों में बारिश, ओलावृष्टि से भले ही कुछ नुकसान हुआ हो, लेकिन खेतों में बनी नमी, अभी शीतलहर से होने वाले नुकसान को रोक रही है। महाकौशल, निमाड़, मालवा, मध्य क्षेत्र के किसानों का कहना है कि कड़ाके की ठंड जारी है। भविष्य में अगर हालात खराब हुए और पाला पड़ा तो उन्हें नुकसान होगा। वैसे भी करीब 25 जिलों के किसान बेमौसम बारिश और ओलों के कारण नुकसान झेल रहे हैं। उनका यह भी कहना है कि सरकार पहले से अधिकारियों को इस बारे में सचेत करे कि वे सतत निगरानी करते रहें।
फसलों को बचाने खेतों में धुआं
ओलावृष्टि से फसल खराब होने के बाद अब किसान शीतलहर से फसलों को बचाने के लिए शाम के समय खेतों में धुआं कर रहे हैं। कई किसानों ने खेतों का तापमान बढ़ाने के लिए हल्की सिंचाई भी शुरू कर दी है। सब्जी की खेती करने वाले किसान फसलों पर राख का छिड़काव कर रहे हैं। उधर, कृषि मंत्री कमल पटेल लगातार किसानों से चर्चा कर रहे हैं। गतदिनों मंत्री सड़क मार्ग से होशंगाबाद से जबलपुर जा रहे थे। हरदा जिले की तहसील खिरकिया के ग्राम परपड़वा अतरौलिया के किसानों ने मंत्री से वीडियो कॉल कर चने की फसल को हुए नुकसान को दिखाया। मंत्री ने पटवारी, कृषि विभाग और बीमा कंपनी के अधिकारियों को नुकसान की भरपाई आरबीसी (6-4) के प्रावधानों के तहत करने को कहा। सर्वे के बाद किसान की मौजूदगी में पंचनामा बनाकर 50 प्रतिशत से ज्यादा नुकसान पर मुआवजा राशि देने के निर्देश दिए।
सब्जियों को नुकसान होगा
किसानों का कहना है कि लगातार सर्दी बनी रही तो सब्जियों को नुकसान होगा। जबलपुर के किसान राघवेंद्र सिंह पटेल का कहना है कि महाकौशल क्षेत्र में खेतों में मसूर, गेहूं, चना, मटर, शिमला मिर्च, प्याज, लहसुन और टमाटर भी है। सर्दी फिलहाल नुकसानदायक नहीं है। अगर यह लगातार बनी रही और पाला पड़ा तो फसलों को नुकसान हो सकता है। धनिया को करीब 30 प्रतिशत का नुकसान होगा। वहीं खरगोन के किसान श्याम सिंह पंवार कहते हैं कि क्षेत्र के किसानों ने गेहूं, चना, डॉलर चना, प्याज, अरबी लगा रखी है। सर्द मौसम का फायदा हो रहा है। क्षेत्र में मिर्ची का रकबा ज्यादा है। खरीफ में लगाओ तो रबी तक करीब 10 माह फसल रहती है। इस बार बेमौसम बारिश से वील्ट बीमारी में फसलें सूख गईं। इसका सर्वे, बीमा नहीं हुआ।
नुकसान का सर्वे जारी
कृषि मंत्री कमल पटेल का कहना है कि नुकसान का सर्वे जारी है। बीमा कंपनियों से मुआवजा बिना देरी दिलवाएंगे। शीतलहर से पाला का मामला है तो नुकसान की कुछ शिकायतें आ रही हैं। मौसम और खराब हुआ, पाला पड़ा तब देखेंगे। हम हर कदम पर किसानों के साथ खड़े हैं। वहीं नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ का कहना है कि वर्ष 2020 की राहत राशि, बीमा की दावा राशि किसानों को अभी तक नहीं मिली है। अब ओला-पाला और बारिश से फसल खराब हो गई है। किसान राहत राशि की बाट जोह रहा है और सरकार झूठे आश्वासन, घोषणा, भाषण देने में लगी है।