गुना ।   जिले की चांचौड़ा तहसील के ग्राम कुसुमपुरा में कागजों में बना एनीकट (बांध) पोर्टल पर तो दिख रहा है, लेकिन छह लाख का यह एनीकट मौके पर नहीं है। कलेक्टर इस एनीकट को दो घंटे तक गांव की हर लोकेशन पर जिला पंचायत सीईओ के साथ खोजते रहे। इंजीनियर से लेकर सचिव कलेक्टर को गलत जानकारी देते रहे। उधर, कलेक्टर को एनीकिट नहीं मिला, तो वह गुना लौट आए। उन्होंने दोबारा मनरेगा की टीम एनीकट खोजने भेजी। वहीं कलेक्टर ने कहा कि जांच के बाद भी एनीकट मौके पर नहीं मिलता है, तो सीसी स्वीकृत करने वाले एई और उपयंत्री पर एफआइआर दर्ज की जाएगी। कलेक्टर फ्रेंक नोबल ए. और जिला पंचायत सीईओ प्रथम कौशिक ने कुसुमपुरा गांव में जाकर निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि मुझे पोर्टल में इस गांव में एनीकट दिखाई दे रहा है। लेकिन गांव में किस जगह एनीकट बना हुआ है, नजर नहीं आ रहा। उसके बाद एई संतोष वरुण, उपयंत्री राजीव सारस्वत और सचिव फूलसिंह भील ने कलेक्टर को लोकेशन की गलत जगह बताई। गांव में दो घंटे तक जब एनीकट नहीं मिला, तो पास के गांव श्यामपुरा में वह एनीकट की जानकारी देते नजर आए। इस दौरान कलेक्टर ने कहा कि पोर्टल पर कुसुमपुरा गांव में एनीकट दिख रहा है, तो श्यामपुरा में एनीकट कैसे हो सकता है।

13 लाख रुपये में तालाब की जगह महज एक गड्ढा बनाया

कलेक्टर फ्रेंक नोबल ए. ने कुसुमपुरा गांव में प्रभुलाल कोरी के खेत के पास बने तालाब को देखने पहुंचे। यहां पर तालाब की जगह एक मिट्टी का गड्ढा मिला। 13 लाख रुपये की सीसी जारी होने के बाद भी मौके पर सिर्फ ढाई लाख रुपये खर्च किए गए हैं। कलेक्टर ने मूल्यांकन करने वाले उपयंत्री राजीव सारस्वत के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए है। वहीं श्यामपुरा में सीसी की फाइल प्रस्तुत करने के भी निर्देश दिए हैं।

पंचायत में 30 तालाबों का निर्माण, फिर भी पानी की समस्या

कलेक्टर ने अफसरों से पूछा कि इस पंचायत में कितने तालाब बने हैं। इस दाैरान सचिव ने जानकारी दी कि गांव में 30 तालब बने हुए हैं। कलेक्टर यह सुनकर हैरान रह गए। उन्होंने कहा कि गांव में पेयजल का संकट तो नहीं होगा, लेकिन ग्रामीणों ने कहा कि पेयजल संकट तो गांव में है। कलेक्टर ने 30 तालाबों की सूची भी जनपद पंचायत से मांगी है। वहीं दूसरी ओर पहाड़ी के किनारे पर तालाब का निर्माण कर दिया गया है। इस तालाब में पानी नहीं था, कलेक्टर ने पीपल्या खुसाल और कुसुमपुरा में तालाब के पाल की मरम्मत के निर्देश दिए हैं।

मनरेगा के दस्तावेज में एनीकट, रुपये भी निकाले, मौके से गायब

कलेक्टर बुधवार को दो घंटे तक एनीकट खोजते रहे। उन्होंने कहा कि मनरेगा के दस्तावेजों में एनीकट कुसुमपुरा में दिख रहा है, तो मौके पर क्यों नहीं है। एनीकट की सीसी जारी करने वाले व्यक्ति पर एफआइआर दर्ज कराई जाएगी। हालांकि, अब कलेक्टर अधूरे निर्माण कार्य और एनीकट गायब होने को लेकर दोबारा जांच करा रहे हैं, जिसकी रिपोर्ट शनिवार को मिल जाएगी। वहीं सीसी जारी करने के बाद भी छह निर्माण कार्य भी माैके पर अधूरे मिले है। वहीं दूसरी ओर तालाब में दो लाख रुपये का काम दिखाकर 13 लाख रुपये भी निकाल लिए, जिसकी जांच भी की जाएगी।

इन्होंने कहा 

कुसुमपुरा गांव में पोर्टल पर एनीकट दिख रहा है, लेकिन मैंने दो घंटे तक गांव में एनीकट को खोजा पर मिला नहीं। एई, उपयंत्री और सचिव ने गलत जानकारी दी थी। सीसी जारी करने वाले के खिलाफ मामला दर्ज कराया जाएगा। दोबारा जांच के लिए गांव में अफसरों की टीम भेजी गई है।

- फ्रेंक नोबल ए., कलेक्टर गुना