नई दिल्ली। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने शनिवार को केंद्र के "हमलों" से निर्वाचित राज्य सरकारों के अधिकारों की रक्षा करने को लेकर बयान दिया है। इसके साथ ही उन्होंने यह संकेत दिया है कि आम आदमी पार्टी (AAP) को दिल्ली अध्यादेश (Delhi ordinance) को लेकर संसद में कांग्रेस का समर्थन मिल सकता है।

इससे दिल्ली से सीएम और आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल की उम्मीद जग गई है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में जयराम रमेश ने कहा, "कांग्रेस पार्टी ने हमेशा राज्यों में चुनी हुई सरकारों के संघीय ढांचे पर किसी भी हमले का विरोध किया है और आगे भी करती रहेगी। यह संसद के अंदर और बाहर जारी रहेगा।" कांग्रेस नेता ने अपने बयान में सीधे दिल्ली अध्यादेश का जिक्र नहीं किया।

अरविंद केजरीवाल कर रहे हैं अध्यादेश के खिलाफ समर्थन की मांग

अरविंद केजरीवाल अध्यादेश के खिलाफ सभी विपक्षी दलों से समर्थन मांग रहे हैं। उनका कहना है कि सभी दल साथ आएं तो इससे जुड़े विधेयक को राज्यसभा में रोका जा सकता है। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले सभी विपक्षी दलों को साथ लाने की कवायद चल रही है। इस बीच आप का कहना है कि विपक्षी दल अध्यादेश के खिलाफ उनका साथ दें तभी वह विपक्षी दलों की बैठकों में शामिल होगी। कई पार्टियों ने खुलकर आप का साथ दिया है, लेकिन कांग्रेस ने इस बारे में अभी तक खुलकर नहीं कहा था। सूत्रों ने ऐसी जानकारी आ रही है कि कांग्रेस संसद में अध्यादेश के मुद्दे पर आप को समर्थन देने का फैसला कर सकती है।

संसद के मानसून सत्र से पहले कांग्रेस नेताओं की हुई बैठक

संसद का मानसून सत्र 20 जुलाई से शुरू होने वाला है। इससे पहले शनिवार को कांग्रेस के सीनियर नेताओं की बैठक हुई। संसदीय रणनीति समूह की बैठक में कई मुद्दों पर विचार किया गया। बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में अध्यादेश मुद्दे पर पूछा गया कि क्या कांग्रेस संसद में संबंधित विधेयक का विरोध करेगी, तो जयराम रमेश ने कहा कि पार्टी ने लगातार मोदी सरकार के ऐसे कामों का विरोध किया है जो जनता द्वारा चुनी हुईं राज्य सरकारों और स्थानीय निकाय के संवैधानिक अधिकारों को कमजोर करते हैं।


क्या है दिल्ली अध्यदेश मामला?

दिल्ली के अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग और विजिलेंस का अधिकार उपराज्यपाल के पास होगा या दिल्ली सरकार के पास, इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिल्ली सरकार के पक्ष में सुनाया था। इसके बाद केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग मामले में फिर से उपराज्यपाल को अधिकार दे दिया। अरविंद केजरीवाल ने केंद्र के इस अध्यादेश के खिलाफ अभियान चलाया और देशभर की यात्रा की। वे सभी विपक्षी दलों के पास गए और अध्यादेश से संबंधित विधेयक के संसद में लाए जाने पर इसका विरोध करने की अपील की।