हिंसाग्रस्त सूडान में दोनों जनरल 72 घंटे के सीजफायर के लिए तैयार हो गए हैं। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने यह जानकारी दी। करीब 10 दिनों की लड़ाई, सैंकड़ों मौतों और बड़ी संख्या में विदेशी लोगों के पलायन के बाद यह सीजफायर होने जा रहा है। इससे पहले भी दोनों पक्षों में सीजफायर कराने की कोशिश की गई थी लेकिन वह नाकाम रहीं। ब्लिंकेन ने एलान करते हुए कहा कि 'बीते 48 घंटे की सघन बातचीत के बाद सूडान आर्म्ड फोर्सेस और रैपिड सपोर्ट फोर्सेस राष्ट्रव्यापी सीजफायर करने के लिए रजामंद हो गई हैं। यह सीजफायर 24 अप्रैल की आधी रात से शुरू होकर अगले 72 घंटे तक चलेगा।'

संघर्षग्रस्त सूडान से फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए केंद्र सरकार ने 'ऑपरेशन कावेरी' शुरू किया है। सीजफायर लागू होने के साथ ही भारत जल्द ही इस अफ्रीकी देश में फंसे अपने लोगों का रेस्क्यू अभियान शुरू कर सकता है।

अभी कितने भारतीय फंसे हैं?

देश में हिंसा, तनाव और असुरक्षित हवाईअड्डों के कारण विदेशी नागरिकों को निकालना मुश्किल हो रहा है। इस बीच अर्धसैनिक बल रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (RSF) राजधानी खार्तूम में मुख्य अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर नियंत्रण करने की कोशिश कर रहा है। फंसे हुए विदेशी नागरिकों में लगभग 3,000 भारतीय हैं। वहीं, केरल के 48 वर्षीय अल्बर्ट ऑगस्टाइन की गोली लगने से मौत हो चुकी है।

यह है विवाद की वजह

बता दें कि अक्तूबर 2021 में नागरिकों और सेना की संयुक्त सरकार के तख्तापलट के बाद से ही सेना (SAF) और अर्धसैनिक बल (RSF) के बीच तनाव बना हुआ था। सेना के प्रमुख जनरल अब्देल फतेह अल बुरहान के हाथों में है और आरएसएफ की कमान हमदान दगालो यानी हेमेदती के पास है। एक सॉवरेन काउंसिल के जरिए सेना और आरएसएफ मिलकर देश चला रहे थे। हाल ही में आरएसएफ के जवानों को अपने लिए खतरा मानते हुए सेना ने बीते दिनों आरएसएफ के जवानों की तैनाती की व्यवस्था बदलते हुए नई व्यवस्था शुरू की, जिसे लेकर आरएसएफ के जवानों ने नाराजगी जाहिर की। धीरे धीरे ये नाराजगी हिंसा में बदल गई और लड़ाई शुरू हो गई।