भोपाल।  मध्य प्रदेश में नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी भाजपा ने मैदानी जानकारी जुटाने के लिए गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और बिहार के 230 विधायकों की ड्यूटी लगाई है। ये सभी शुक्रवार को भोपाल पहुंचेंगे। यहां इन्हें शनिवार को प्रशिक्षण देकर विधानसभा क्षेत्रों में भेजा जाएगा। प्रदेश भाजपा पदाधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय संगठन ने विधानसभावार विधायकों की ड्यूटी लगाई है। इन्हें आवंटित विधानसभा क्षेत्र में पार्टी की मैदानी स्थिति का आकलन करना है और संभावित दावेदारों को लेकर संगठन को रिपोर्ट देंगे।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में इन्हें बताया जाएगा कि क्षेत्र के प्रवास के दौरान क्या-क्या करना है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में पार्टी राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश भाजपा विष्णुदत्त शर्मा सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहेंगे। उधर, मप्र विधानसभा चुनाव को लेकर बुधवार को दिल्ली में बैठक हुई। इसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा शामिल हुए। पार्टी नेताओं के अनुसार केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक थी, जो पहली बार चुनाव से पहले हुई है। इसमें प्रारंभिक तौर पर चुनावी तैयारियों का लेखा-जोखा लिया गया। टिकट के क्राइटेरिया को लेकर भी गंभीरता से चर्चा हुई। इसमें किसे टिकट देना है, परिवारवाद और वंशवाद जैसे मुद्दे पर कठोरता से गाइडलाइन बनाने की बात कही गई।
चार राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनावों को लेकर भाजपा अपनी रणनीति के तहत दूसरे राज्यों के विधायकों को संगठन की रिपोर्ट लेने भेज रही है, जहां चुनाव है। इन विधायकों को 21 अगस्त से अपनी रिपोर्ट हर दिन भोपाल और दिल्ली भेजना होगी। दिल्ली से सख्त निर्देश दिए गए हैं कि इस दौरान विधायक किसी दावेदार के साथ नहीं रहेंगे। उन्हें केवल संगठन की मजबूती परखना है। उस हिसाब से भाजपा चुनाव में अपनी रणनीति बनाएगी। ये सभी विधायक 19 को भोपाल तो 20 को संबंधित विधानसभा में पहुंच जाएंगे, जहां की जवाबदारी इन्हें दी गई है। इन्हें भोपाल से मिनट टू मिनट शेड्यूल दिया जाएगा। स्थानीय नेताओं के बतौर केवल विधानसभा प्रभारी और चुनाव की दृष्टि से बनाए गए संयोजक इनके साथ रहेंगे। इस दौरान न तो कोई दावेदार अपनी दावेदारी जताएगा और न ही ऐसा कोई काम करेगा, जिससे ऐसा लगे कि वह विधायकों को प्रभावित कर रहा है। हर दिन की रिपोर्ट बनाकर इन्हें भोपाल और दिल्ली कार्यालय को मेल करना होगी, जहां पूरे प्रदेश की समीक्षा की जाएगी और फिर चुनाव में किस तरह से काम किया जाए, इसको लेकर रणनीति तैयार की जाएगी।
सरकार की योजना से फायदा लेने वाले हितग्राहियों का एक सम्मेलन भी इस दौरान रखा जाएगा, वहीं कार्यकर्ता और उस विधानसभा क्षेत्र में रहने वाले वरिष्ठ नेताओं की सूची भी इन्हें दी गई है, जिनसे ये बातचीत करेंगे। सभी 230 सीटों पर एक जैसे बिंदुओं पर संवाद किया जाएगा।
इन विधायकों को 7 दिन का कार्यक्रम दिया गया है, जिसमें सामाजिक संगठनों से भी मिलने के लिए कहा गया है। इसके साथ ही किस सीट पर जातिगत वर्चस्व किसका है, उनके साथ भी ये मीटिंग करेंगे। इसके साथ ही कौन-सी सीट पर किस तरह की परेशानी आ सकती है, इसको लेकर भी अपनी रिपोर्ट तैयार करेंगे।