19 सितंबर 2023, मंगलवार। यह तिथि और दिन इतिहास में अमर हो गई। आज से नए संसद भवन में शुरू हुई कार्यवाही के साक्षी छत्तीसगढ़ के 11 सांसद भी बने। भविष्य में प्रदेश से अनेक सदस्य संसद तक पहुंचेंगे, लेकिन वर्तमान सांसदों का नाम एक अनूठे बदलाव के लिए जाना जाएगा। जब कभी भी नए संसद भवन के पहले दिन की कार्यवाही का जिक्र होगा, तो प्रदेश के इन सांसदों का नाम लिया जाएगा। प्रदेश के यह सांसद ऐसे हैं, जो पुराने संसद भवन की कार्यवाही में अंतिम बार और नए संसद भवन में हुई प्रथम दिवस की कार्यवाही में शामिल हुए।

नए संसद भवन में प्रवेश को लेकर दुर्ग लोकसभा के भाजपा सांसद विजय बघेल ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि हम लोग पुराने संसद भवन की मीठी-मीठी यादों को लेकर नए संसद भवन में प्रवेश किए हैं। दोनों संसद भवन को देखने व उसमें बैठने का अवसर प्राप्त हुआ है। दुर्ग की देवतुल्य जनता का आभारी हूं कि उन्होंने हमें लोकसभा भेजकर हमारा मान बढ़ाया। उस जनता का हम हमेशा ऋणी रहेंगे।

यह भी एक महत्वपूर्ण बात है कि 17वीं लोकसभा के पहला कार्यकाल ऐतिहासिक रहा है। उसने कई नए आयाम तय किए हैं। बहुत सारे ऐसे निर्णय हुए जो मील का पत्थर साबित होंगे। देश के नवनिर्माण और अखंडता के लिए यह कार्य हुए हैं। कश्मीर हमारा हुआ, तीन तलाक, राम मंदिर का निर्माण जैसे महत्वपूर्ण फैसले हुए। नई लोकसभा भवन के निर्माण में नींव की ईंट से लेकर पूरे भवन निर्माण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी रुचि दिखाई, जिसके कारण आज समय पर यह लोकसभा भवन बनकर तैयार हुआ है। नवनिर्मित भवन में प्रवेश का शुभ अवसर गणेश चतुर्थी के दिन मिला है।

महिलाओं में माननीय बनने की जगी आस

लोकसभा में महिला आरक्षण बिल आने के बाद प्रदेश की महिला नेत्रियों में माननीय बनने की आस जगी है। राज्य में पिछले चार चुनाव में सदन में पहुंचने वाली महिला विधायकों का प्रतिशत दस से 12 रहा है। छत्तीसगढ़ में पहला विधानसभा का चुनाव 2003 में हुआ था। उस समय चुनाव लड़ने वाली महिलाओं की संख्या 62 थी और 2018 के चुनाव में इनकी संख्या बढ़कर 115 हो गई । एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट 2022 के अनुसार छत्तीसगढ़ के विधानसभा में सबसे अधिक 18 प्रतिशत महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। कांग्रेस सरकार आने के बाद अब तक पांच उपचुनाव हो चुके हैं। इनमें तीन उपचुनावों में कांग्रेस ने महिला प्रत्याशी को मौका दिया और तीनों जीती हैं।