मध्य प्रदेश कांग्रेस में लगातार बदलाव का दौर चल रहा है इसी कड़ी में प्रदेश प्रभारी को भी बदल गया है भंवर जितेन्द्र सिंह की जगह हरीश चौधरी को प्रदेश का प्रभार दिया गया है। नए प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी कल पहली बार भोपाल आएंगे। वे पीसीसी में कांग्रेस के प्रमुख नेताओं, कार्यकर्ताओं, विधायकों, पदाधिकारियों के साथ परिचयात्मक बैठक लेकर मेल-मुलाकात करेंगे। एक दिन पहले पीसीसी चीफ जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार नई दिल्ली में अलग-अलग उनसे मुलाकात की है। इस पर भाजपा ने तंज कसा है बीजेपी नेता नरेंद्र सलूजा ने ट्वीट कर इस मुलाकात को कांग्रेस में गुटबाजी का कैंसर बताया।

एमपी को संभालना चौधरी के लिए बडी चुनौती
मध्य प्रदेश कांग्रेस गुटबाजी से जूझ रही है खुद जीतू पटवारी कह चुके हैं कि कांग्रेम में गुटबाजी कैंसर की तरह है। ऐसे में हरीश चौधरी को प्रदेश संभालना एक बड़ी चुनौती होगी। प्रदेश कांग्रेस को जहां चुनावों में हार का सामना करना पड़ रहा है, दूसरी तरफ कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी भी टिक नहीं पा रहे हैं। तीन सालों में चार प्रभारी बदले जा चुके हैं। तीन दिन पहले भंवर जितेन्द्र सिंह को हटाकर राजस्थान के बायतू से विधायक हरीश चौधरी को मप्र का प्रभारी बनाया गया है। 

नहीं टिक पार रहे प्रदेश प्रभारी
मोहन प्रकाश की जगह सितंबर 2017 में दीपक बावरिया को प्रदेश प्रभारी बनाया गया था। अप्रैल 2020 में दीपक बावरिया ने एमपी के प्रभारी पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद मई 2020 में मुकुल वासनिक एमपी के प्रभारी बनाए गए थे। सितंबर 2022 में मुकुल की जगह जेपी अग्रवाल को प्रभारी नियुक्त किया गया था। अगस्त 2023 में जेपी अग्रवाल की जगह रणदीप सिंह सुरजेवाला को एमपी का प्रभार सौंपा गया था। दिसंबर 2023 में सुरजेवाला की जगह भंवर जितेन्द्र सिंह को इंचार्ज नियुक्त किया गया था। जितेन्द्र सिंह की जगह अब हरीश चौधरी को कमान सौंपी गई है। दरअसल भंवर जितेन्द्र सिंह के खिलाफ लगातार कांग्रेस आलाकमान तक ये शिकायतें पहुंच रहीं थीं कि वे गुटीय राजनीति को बढ़ावा दे रहे हैं। कुछेक लोगों के इशारे पर सारे फैसले हो रहे हैं। इसके बाद भंवर जितेन्द्र सिंह को हटाकर हरीश चौधरी को कमान दी गई है।