फाल्गुन अमावस्या 2025: प्रत्येक माह की 15वीं तिथि को अमावस्या का पर्व मनाया जाता है, जिसे पितरों के तर्पण के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने की परंपरा है, जिसके बाद पितरों का तर्पण करने के साथ-साथ दान भी किया जाता है। मान्यता है कि अमावस्या के दिन दान करने से व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है और पितर भी संतुष्ट होते हैं। धार्मिक दृष्टिकोण से, इस दिन पितर धरती पर आते हैं, और यदि उनका विधिपूर्वक तर्पण किया जाए, तो उनकी आत्मा को शांति मिलती है। वर्तमान में हिंदी कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन का महीना चल रहा है, तो आइए जानते हैं कि फाल्गुन माह की अमावस्या कब आएगी।

फाल्गुन अमावस्या 2025 तिथि?

फाल्गुन अमावस्या 2025 की तिथि के अनुसार, वैदिक पंचांग में फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या 27 फरवरी को सुबह 8 बजकर 54 मिनट पर शुरू होगी और इसका अंत 28 फरवरी को सुबह 6 बजकर 14 मिनट पर होगा। इस प्रकार, उदयातिथि के अनुसार, फाल्गुन अमावस्या 27 फरवरी 2025 को मनाई जाएगी।

फाल्गुन अमावस्या 2025 का शुभ मुहूर्त

अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है, और यदि यह स्नान ब्रह्म मुहूर्त में किया जाए तो इसका फल और भी अधिक होता है। पंचांग के अनुसार, 27 फरवरी को सुबह 5 बजकर 8 मिनट से लेकर 5 बजकर 58 मिनट तक का समय ब्रह्म मुहूर्त के लिए निर्धारित है। फाल्गुन अमावस्या के अवसर पर स्नान के बाद दान करने की परंपरा है। दान के बाद विधिपूर्वक पूजा का आयोजन किया जाना चाहिए। पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से लेकर 12 बजकर 57 मिनट तक रहेगा, जिसे अभिजित मुहूर्त माना जाता है। इसके अतिरिक्त, शाम को 6 बजकर 7 मिनट से लेकर 6 बजकर 42 मिनट तक गोधूलि मुहूर्त भी रहेगा।