ट्रंप के प्रस्ताव को खारिज कर अरब देश बना रहे गाजा के पुननिर्माण का प्लान
रियाद। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा के पुननिर्माण के लिए एक प्रस्ताव पेश किया है, जिसके तहत फिलिस्तीनियों को बाहर जाना होगा। ट्रंप के प्रस्ताव से अरब देश भड़क गए हैं। मिस्र और जॉर्डन पहले ही ट्रंप के प्लान को खारिज कर चुके हैं। वहीं सऊदी अरब भी कह चुका है कि फिलिस्तीनियों को लेकर वह किसी भी तरह का समझौता नहीं करेगा। वहीं अब सूत्रों ने बताया है कि सऊदी अरब, गाजा के भविष्य को लेकर एक योजना विकसित करने के लिए अरब देशों की कोशिशों का नेतृत्व कर रहा है। इसका मतलब ये है कि सऊदी अरब, गाजा में ट्रंप के प्रस्ताव को रोकने के लिए एक समूह का नेतृत्व कर रहा है। यानि मोहम्मद बिन सलमान और ट्रंप सामने खड़े हो गए हैं।
सूत्रों ने बताया है कि इस महीने सऊदी अरब की राजधानी रियाद में एक बैठक होने वाली है। जिसमें सऊदी अरब के साथ मिस्र, जॉर्डन और संयुक्त अरब अमीरात आौर कई अरब देशों के अधिकारी हिस्सा लेंगे। इस बैठक में गाजा पट्टी को लेकर नये मसौदे पर चर्चा की जाएगी। मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने बताया है कि प्रस्तावों में खाड़ी देशों के नेतृत्व में गाजा के पुनर्निर्माण में लगने वाले फंड और उस सौदे से हमास को बाहर रखने के प्रस्ताव पर बातचीत होने की संभावना है।
सऊदी अरब और उसके सहयोगी देश ट्रंप के इस प्रस्ताव से स्तब्ध हैं कि गाजा पर अमेरिका का कंट्रोल होगा और फिलिस्तीनियों को बाहर निकाला जाएगा। अरब देशों का मानना है कि इस प्रस्ताव से फिलिस्तीनी हमेशा के लिए खत्म हो जाएंगे। उन्हें जॉर्डन और मिस्र में विस्थापित किया जाएगा और फिर वह कभी गाजा वापस नहीं लौट पाएंगे।
सूत्रों ने खुलासा किया है कि सऊदी अरब में ट्रंप के प्रस्ताव से निराशा और बढ़ गई है। सऊदी अरब का मानना है कि ये प्रस्ताव उसके फिलिस्तीनियों के लिए अलग राज्य बनाने की मांग को ही खत्म कर देगा। इसके अलाव इजराइल के साथ उसके संबंधों के सामान्य होने की दिशा में जो कुछ डेवलपमेंट हुआ था, उसके भी खिलाफ है। अरब देशों की कोशिश गाजा पर नया प्रस्ताव बनाकर अमेरिकी राष्ट्रपति को भेजना है, ताकि इसे ट्रंप का ही प्रस्ताव बताया जा सके। हालांकि बात करने वाले सभी स्रोतों ने अपनी पहचान बताने से इनकार कर दिया है, क्योंकि ये काफी संवेदनशील विषय है।
मिस्र के सुरक्षा सूत्रों ने बताया है कि मिस्र के प्रस्ताव में गाजा पर हमास की भागीदारी के बिना शासन करने के लिए एक राष्ट्रीय फिलिस्तीनी समिति का गठन का प्रस्ताव दिया गया है। इसके अलावा विदेशों में फिलिस्तीनियों को विस्थापित किए बिना पुनर्निर्माण में अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी और दो-राज्य समाधान की दिशा में आगे बढ़ना शामिल है। अरब सरकार के सूत्र ने बताया है कि सऊदी अरब, मिस्र, जॉर्डन, संयुक्त अरब अमीरात और फिलिस्तीनी प्रतिनिधि 27 फरवरी को शिखर सम्मेलन में प्रस्तुत किए जाने से पहले रियाद में योजना की समीक्षा और चर्चा करेंगे। बता दें लंबे समय से संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए सऊदी अरब एक प्रमुख क्षेत्रीय भागीदार रहा है। इसके अलावा ट्रंप और क्राउन प्रिंस के बीच भी काफी अच्छे संबंध हैं। लिहाजा अरब अधिकारी इस कोशिश में हैं कि दोनों नेताओं के बीच के अच्छे संबंध का फायदा गाजा के पुननिर्माण में उठाया जा सके।