नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस और अमेरिका की अपनी दो देशों की यात्रा पूरी करने के बाद दिल्ली पहुंच गए हैं। पीएम मोदी की स्वदेश वापसी के साथ ही दिल्ली के नए मुख्यमंत्री को लेकर जहां राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गईं वहीं अलग-अलग खेमों ने लामबंदी भी शुरु कर दी है।  पीएम मोदी के स्वदेश वापस आने के बाद दिल्ली में नई सरकार के गठन को लेकर कवायद तेज हो गई है। माना जा रहा है कि एक-दो दिन में दिल्ली के नए मुख्यमंत्री का चयन कर लिया जाएगा। वहीं, दिल्ली में बीजेपी सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 19 या 20 फरवरी को होने की संभावना है। नई सरकार की कमान किसके हाथों में होगी, इसे लेकर सियासी हलके में कयासों का बाजार भी गर्म है, वहीं अलग-अलग खेमों ने अपने नेता को आगे करने और ताजपोशी करवाने के लिए लामबंदी भी करना शुरु कर दी है। वैसे पार्टी सूत्रों की मानें तो दिल्ली सीएम चुने हुए विधायकों में से ही तय किया जाएगा, लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह चौंकाने वाला फैसला भी ले सकते हैं। फिलहाल सभी की नजरें दिल्ली के नए सीएम के नाम पर टिकी हुई हैं। 


नई सरकार की प्रथमिकताएं  
दिल्ली की नई सरकार के सामने वैसे तो अनेक समस्याएं होंगी, लेकिन जिन पर फोकस रहेगा उनमें रोजाना की अन्य चीजों के अलावा स्वच्छ पेयजल आपूर्ति, बेहतर नागरिक बुनियादी ढांचे और विकास कार्यों को प्राथमिकता देने की योजना बनाने का है। पार्टी सूत्र बताते हैं कि दिल्ली की नई सरकार पू्र्व की सरकार द्वारा चलाई गई जनहितकारी योजनाओं को ज्यादा नहीं छेड़गी, लेकिन जहां आवश्यक होगा वहां बदलाव जरुर किया जाएगा। बहरहाल सभी की नजरें इस पर टिकी हुई हैं कि दिल्ली का नया मुख्यमंत्री कौन बनेगा और नई सरकार किन नई योजनाओं के साथ राजधानी के विकास को गति देगी।