भोपाल: चालीस साल पहले दुनिया के सबसे बड़े औद्योगिक हादसे से आखिरकार भोपाल को मुक्ति मिल गई है। यह ऑपरेशन पांच दिन यानी 114 घंटे तक चला। बुधवार रात 9 बजे वीवीआईपी सुरक्षा के बीच 12 ट्रकों में 337 मीट्रिक टन जहरीला कचरा भरकर रवाना किया गया। सुबह करीब 4.17 बजे यह कचरा इंदौर के पीथमपुर भेजा गया। लेकिन इससे पहले ही पीथमपुर छावनी बन गया। यहां 300 से ज्यादा जवान तैनात हैं। बता दें कि यहां 1200 डिग्री सेल्सियस पर भट्टी से कचरे को जलाया जाएगा। पहले 10 किलो कचरे को नष्ट कर उसकी जांच की जाएगी। उधर, पीथमपुर में कचरा जलाने का विरोध तेज हो गया है।

आज रैली, कल शहर बंद का एलान 

आज यानी गुरुवार को स्थानीय निवासी शहर में रैली निकालेंगे। कचरा जलाने के विरोध में शुक्रवार को पीथमपुर बंद का आह्वान भी किया गया है। 

सांसद और पूर्व मंत्री सीएम से मिलेंगे

शुक्रवार को पूर्व मंत्री राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव, सांसद और केंद्रीय मंत्री सावित्री ठाकुर के साथ ही विधायक नीना वर्मा सीएम मोहन यादव से मुलाकात करेंगे। वे मांग करेंगे कि सरकार इस मामले में पुनर्विचार याचिका दायर करे।